नई दिल्ली संत कबीर के 506 वां परिनिर्वाण दिवस पर मंगलवार को कबीर कोहिनूर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया ।सदगुरु कबीर आश्रम सेवा संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कल की धाम पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम बटौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। संस्था के संस्थापक अध्यक्ष भारत भूषण डॉक्टर नानक दास महाराज की मौजूदगी में देश विषय विदेश के 100 लोगों मे कर्नाटक राज्य से बीदर जिले के भालकी छोटे से गांव श्रीमालीकर को श्री रमेश रंगराव मालचिमणे को वरिष्ठ हिंदी कवि और दक्षिण भारत में हिंदी प्रचार कार्य को देखते हुए इन्हें कबीर कोहिनूर सम्मान से सम्मानित किया गया है। डॉक्टर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में हुए कार्यक्रम में आचार्य प्रमोद ने कहा कि कबीर मानवता की राह पर चलते थे उनके स्वभाव में क्लेश नहीं था ।अपने गुनों के बदौलत उन्हें पूरे विश्व में जानते है। आज भी हम संत कबीर को इन्हीं गुना की वजह से याद कर रहे है। महंत नानक दास ने इस दौरान कबीर के व्यक्तित्व के सरल व साधु स्वभाव पर प्रकाश डाले कार्यक्रमों को सहयोग करने वाले सभी को धन्यवाद ज्ञापित किये। आयोजक नरेंद्र दास जी ने जानकारी दी कि इसमें सभी कबीर पंक्तियों ने मिलकर समाज के विनीत चले लोगों को महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए विभूषित किया गया है। माहौल और भी दिलचस्प होता गया जब राजस्थान से आए कलाकारों ने कबीर के भजन गाकर सबको आध्यात्मिक की गहराइयों में गोते लगाने पर मजबूर किया। अंत में अधिक से भाषण के बाद कार्यक्रम को समापन देते हुए सबको धन्यवाद देते हुए राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।