UPSC की तैयारी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तुलना में थोड़ी जटिल है एवं इसके विस्तृत पाठ्यक्रम के कारण इसकी कुछ शर्तें भी हैं, जिसमे समय प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण है। नौकरी करते हुए व्यक्ति के पास समय की कमी अवश्य होती है। लेकिन यदि उस व्यक्ति में लगन, परिश्रम एवं प्रशासनिक पद की प्राप्ति का जज़्बा है तो उसके लिए तैयारी कर पाना बहुत मुश्किल नहीं है। बल्कि नौकरी में रहते हुए उसकी तैयारी की उत्पादकता भी बढ़ सकती है। संस्कृति IAS Coaching सेंटर एक अनुभवी कोचिंग सेंटर है जो सालों से UPSC की तैयारी में छात्रों की मदद कर रहा है। संस्कृति IAS के अनुसार नौकरी करते हुए अगर आप UPSC की तैयारी करते हैं तो आप इन टिप्स पर ध्यान दें सकते हैं।
नौकरी करते हुए UPSC की तैयारी करने के लिए संस्कृति IAS Coaching सेंटर के टिप्स
नौकरी के साथ तैयारी करने में चुनौतियां-
• सामान्यतया किसी भी नौकरी में 8 से 9 घंटे का समय देना होता है। उसके बाद आने-जाने में भी समय की खपत होती है। अध्ययन के लिए बहुत सीमित समय बचता है।
• नौकरी का समय एवं कोचिंग का समय प्रायः सामान होता है। कोचिंग जाकर अध्ययन कर पाना संभव नहीं रह जाता है।
• सीमित समय में संतुलित समय सारणी बना पाना मुश्किल होता है।
• तैयारी में समग्रता लाना चुनौतीपूर्ण है; चूँकि कम समय में पढ़ाई करना, रिवीजन करना, प्रश्नों का अभ्यास करना, उत्तर लेखन करना, विगत वर्षों के प्रश्नों को देखना, पिछले पढ़े को अद्यतन करना आदि में समय का आनुपातिक बंटवारा कर पाना कठिन हो जाता है।
• नौकरी के काम के दबाव का प्रभाव भी अध्ययन पर पड़ता है। परीक्षाओं के नजदीक आने पर ये दवाब और भी बढ़ जाता है।
हालाँकि नौकरी के साथ तैयारी करने में चुनौतिया हैं लेकिन किसी व्यक्ति में प्रशासनिक पद पर चयनित होने की दृढ़ इच्छाशक्ति एवं लगन है, तो निश्चित तौर पर वह सफल होगा। ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिन्होंने नौकरी के साथ UPSC सिविल सेवा की चयन सूची में उपस्थिति दर्ज कराई।
नौकरी के साथ तैयारी करने के टिप्स: संस्कृति IAS
• सूचना क्रांति ने अध्ययन को उदार कर दिया है। अब कोई भी व्यक्ति कहीं से भी इन्टरनेट के माध्यम से पढ़ाई कर सकता है। वर्तमान में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने वाली कोचिंग संस्थाएं ऑनलाइन मोड पर भी उपलब्ध है।
• नौकरी के बाद बचे शेष समय में से यदि दैनिक दिनचर्या के घंटों को घाटा दें तब भी पर्याप्त समय अध्ययन के लिए मिल जाता है।
• समय प्रबंधन UPSC के अध्ययन में सबसे महत्वपूर्ण कारक है। बचे समय को लक्ष्य केन्द्रित रखें। जैसे- यदि घर से ऑफिस जाने में जो समय लगता है उसे पढ़ाई, रिवीजन आदि के प्रयोग में लाएं।
• घर पहुंचकर नियमित अध्ययन करें एवं यदि किसी कोचिंग संस्था से जुड़े हैं, तो मिलने वाली कक्षाओं को उसी दिन पूरा कर लें।
• अध्ययन के द्वारा बनाए गए नोट्स की PDF बनाकर अपने मोबाइल फोन में रख लें। जब भी संभव हो उसका रिवीजन कर लें।
• नौकरी के बीच में मिलने वाले थोड़े-थोड़े समय में समसामयिक घटनाओं से अद्यतन(Update) कर सकते हैं। (जैसे- लंच में मिलने वाले समय में)
• अध्ययन में गुणवत्ता लाएं ताकि सम्पूर्ण समय देने वाले अभ्यर्थियों से प्रतिस्पर्धा संभव हो सके।
• पाठ्यक्रम के अनुसार चयनात्मक अध्ययन करें एवं अनावश्यक सूचनाएं एकत्रित करने से बचें।
• विगत वर्षों में आए प्रश्न एवं अभ्यास प्रश्न हल करते रहें।
• इन्टरनेट का सदुपयोग आपकी तैयारी को सम्पूर्णता प्रदान कर सकता है, चूँकि कई वेबसाइट्स, मीडिया, संस्थाएं आदि ऑनलाइन उपलब्ध हैं। यहाँ से परीक्षा उपयोगी सूचनाएं निकाली जा सकती हैं।
• जब परीक्षा नजदीक हो तो रणनीति उसी पर केन्द्रित कर लें। संभव हो तो अंतिम में कुछ दिनों का अवकाश भी ले सकते हैं।
सूचना क्रांति ने हमारे समय की उत्पादकता को बढ़ा दिया है। अब व्यक्ति कम समय में ही अपने ज्ञान को बढ़ा सकते हैं। नौकरी के उपरांत मिलने वाला समय UPSC की तैयारी के लिये पर्याप्त हो सकता है, यदि एक विश्वसनीय कोचिंग से जुड़कर समय का सदुपयोग कर लिया जाए।