होलिका दहन पर्व
_अग्ने नय सुपथा राये अस्मान् !_
ईश्वर के प्रति अटूट आस्था एवं पूर्ण शरणागति के पावन पर्व का नाम ही होलिका दहन है । जिस अनुपात में हमारे भीतर प्रभु के प्रति समर्पण भाव होगा उतने ही अनुपात में हमारा जीवन निर्भय एवं आनंदमय भी बना रहेगा। जीवन का जो भी कार्य प्रभु समर्पित होकर किया जाता है फिर कठिन से कठिन होने पर भी उस प्रभु द्वारा पूर्ण कर दिया जाता है। जीवन में प्रभु शरणागति होगी तो विपदा की धधकती ज्वालाओं में भी आप सुरक्षित एवं प्रसन्नचित्त बने रहेंगे।
होलिका दहन का पर्व हमें समझाता है कि भक्त का अनिष्ट करने वाले का अस्तित्व ही नष्ट हो जाता है। साधु पुरुषों के प्रति रखा गया द्वेष भाव जीवन में विपत्ति का सूचक है। ईश्वर के प्रति निष्ठावान व्यक्ति के जीवन से दुर्मति रूपी होलिका का दहन प्रभु स्वयं कर देते हैं।
प्रह्लाद की भांति करता पर अपनी अटूट आस्था रखिए भगवान नरसिंह आपकी सभी परेशानियों को हर लेंगे !
*होली की अनंत शुभकामनायें !*